मुंबई: प्रकाश मेहरा को फिल्म जगत ने सोमवार को भावभीनी विदाई दी। उनकी जंजीर फिल्म के जरिये रूपहले पर्दे पर एंग्री यंग मैन की छवि पाने वाले महानायक अमिताभ बच्चन ने तो उन्हें अपने ब्लाग के जरिये भी याद किया। सोमवार दोपहर तीन बजे ओशिवारा स्थित श्मशान स्थल पर मेहरा का अंतिम संस्कार किया गया। रविवार की सुबह उनका निधन हो गया था। बड़े बेटे सुमित के अमेरिका में होने के कारण रविवार को उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका था। दोपहर दो बजे प्रकाश मेहरा के जुहू स्थित निवास स्थान से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। इसमें यश चोपड़ा, संजय खान, सलीम खान, रमेश सिप्पी, कल्याण जी, बप्पी लाहिरी, मधुर भंडारकर, रंजीत और भरत शाह सहित फिल्म जगत की कई नामचीन हस्तियां मौजूद थीं। अमिताभ बच्चन भी बेटे अभिषेक के साथ श्मशान स्थल पहुंचे। अमिताभ ने अपने ब्लाग पर प्रकाश मेहरा को याद करते हुए लिखा है कि उन्होंने एक दोस्त और एक सहयोगी हमेशा के लिए खो दिया है। साथ ही, मेहरा के निधन से सिनेमा का एक पूरा युग तो खत्म हो ही गया है। प्रकाश मेहरा से पहली मुलाकात याद करते हुए बिग बी ने लिखा है कि वह उनसे 1971 में मुंबई के राजकमल स्टूडियो में पहली बार फिल्म जंजीर के सिलसिले में मिले थे। उसके बाद जितनी फिल्में हमने साथ कीं, उनमें से केवल जादूगर ही फ्लाप रही। जादूगर की रिलीज के बाद मेहरा ने बड़ी साफगोई से कहा कि लाला (बिग बी को मेहरा प्यार से लाला ही बुलाते थे) गड़बड़ हो गई है।
संगीतकार बप्पी लाहिरी ने प्रकाश मेहरा की मृत्यु पर शोक प्रकट करते हुए कहा, प्रकाश जी से मेरा आत्मा का संबंध था। वे मेरे बड़े भाई समान थे। यदि मैं लंदन में होता था और वे मुझे फोन करते थे तो मैं भागकर आ जाता था। उनके साथ फिल्म शराबी में काम करते हुए मैंने पाया कि वे संगीत के पारखी थे. उनकी फिल्मों जंजीर, मुकद्दर का सिकंदर, शराबी, नमक हलाल का संगीत आज भी लोग चाव से सुनते हैं। उनका संगीत हमेशा अमर रहेगा। उन्हें हम कभी भूल नहीं पाएंगे। संगीतकार आनंद जी ने कहा, प्रकाश मेहरा हमारे बीच नहीं रहे तो &प्त128;या हुआ? उनका काम और उनकी यादें हमारे बीच हमेशा रहेंगी। मैं दो दिन पहले उनसे मिलने अस्पताल में गया था। वे बोल नहीं पा रहे थे। उन्होंने इशारों में कहा कि वे जल्द ही ठीक होकर घर लौट जाएंगे। वे बहुत भावुक और समर्पित इंसान थे। पिछले कुछ वर्षो से वे शांत रहते थे। युवा फिल्मकार मधुर भंडारकर प्रकाश मेहरा की मृत्यु को फिल्म जगत की बड़ी क्षति बताया। उन्होंने कहा, प्रकाश जी की फिल्मों में ड्रामा, कंटेंट और गीत-संगीत का उम्दा मिश्रण होता था। वे एक्शन, कॉमेडी और रोमांटिक हर विधा की फिल्म बनाने में निपुण थे। हिंदी सिनेमा में उनका योगदान सराहनीय है। चांदनी बार फिल्म के प्रदर्शन के बाद मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। उन्होंने मेरे काम की सराहना की थी। मैं बचपन में उनकी फिल्म नमक हलाल के सेट पर अक्सर जाता था। मेरे जेहन में वे और उनकी फिल्में हमेशा रहेंगी।
-रघुवेन्द्र सिंह
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