Sunday, January 11, 2009

इच्छा जैसी बहुत सी लड़कियां है:स्पर्श

सच है कि स्पर्श के सादगीपूर्ण दमदार अभिनय ने कलर्स चैनल के धारावाहिक उतरन को बहुत कम समय में लोकप्रिय बना दिया है। नन्हीं स्पर्श उतरन की इच्छा, अपने शरारती बचपन और आने वाले कल की योजनाओं के बारे में बता रही हैं-
[इच्छा से अलग हूं]
मैं और इच्छा एक-दूसरे के विपरीत हैं। हमारे बीच कोई समानता नहीं है। मैं अमीर परिवार की लड़की हूं। मैं मुंबई के अंबरनाथ स्थित केंद्रीय विद्यालय में कक्षा चार की छात्रा हूं। मुझे शतरंज खेलना अच्छा लगता है। इच्छा दूसरों की सहानुभूति पर जी रही है। हां, मासूमियत हम दोनों में एक जैसी है। मैंने अपने घर के पास इच्छा जैसी बहुत लड़कियों को देखा है। इस कारण मैं इच्छा का किरदार निभा पायी।
[पढ़ाई में अव्वल हूं]
मैं एक्टिंग के साथ पढ़ाई पर भी खूब ध्यान देती हूं। मैं सेट पर अपनी किताबें लेकर जाती हूं। फुरसत मिलते ही पढ़ाई करने बैठ जाती हूं। मैं पढ़ाई में बहुत अच्छी हूं। मैंने अब तक सभी कक्षाएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की हैं। मेरी मम्मी टीचर हैं और पापा आर्मी ऑफिसर हैं। वे दोनों पढ़ाई के मामले में बहुत सख्त हैं। वे मुझे समझाते रहते हैं कि अभी मेरे लिए पढ़ाई ज्यादा जरूरी है। जब मैं पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं देती हूं तो वे मुझे बहुत डांटते हैं और जब गुस्सा हो जाती हूं तो प्यार से समझाते हैं।
[एक्टिंग मेरा शौक है]
मुझे एक्टिंग करना अच्छा लगता है इसलिए यह काम कर रही हूं। हालांकि मम्मी-पापा ने मुझे एक्टिंग करने के लिए प्रेरित किया। मम्मी ही मुझे उतरन के ऑडिशन में लेकर गई थीं। मुझे अंदाजा नहीं था कि मैं इतनी जल्दी पॉपुलर हो जाऊंगी। लोग मुझे पहचानने लगेंगे। रिश्तेदार, पड़ोसी और फ्रेंड सभी मेरे काम की सराहना करते हैं। मैं अमिताभ अंकल, शाहिद भैया और हेमा आंटी जैसे बड़े सितारों के साथ काम जरूर करना चाहती हूं।
[पैसे का हिसाब नहीं रखती]
मैं सिर्फ एक्टिंग पर ध्यान देती हूं। मुझे पता ही नहीं है कि मेहनताने के तौर पर मुझे कितने पैसे मिलते हैं। पैसों का हिसाब मम्मी रखती हैं। मुझे जब जिस चीज की जरूरत होती है, वे ही लाकर दे देती हैं। दरअसल, मैं अपने मम्मी-पापा की इकलौती बेटी हूं इसलिए वे मुझे बहुत प्यार करते हैं। मेरी हर ख्वाहिश पूरी करते हैं। वैसे, बता दूं कि मैं पैसों के लिए एक्टिंग नहीं कर रही हूं। मैं इस क्षेत्र में अपना भविष्य भी नहीं देखती।
[उतरन के बाद]
मैं बड़ी होकर आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं। अपने देश के लिए ऐसा काम करना चाहती हूं कि मेरे मम्मी-पापा मुझ पर गर्व करें। मैं आईएएस अधिकारी बनकर गरीबों की सहायता करूंगी। उसके लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी इसलिए मैंने तय किया है कि उतरन खत्म होने के बाद मैं एक्टिंग नहीं करूंगी। मैं जी-जान से पढ़ाई करूंगी और अपने इस सपने को सच साबित करके दिखाऊंगी।

2 comments:

संगीता पुरी said...

स्‍पर्श से परिचित करवाने के लिए बहुत बहुत धन्‍यवाद...इतनी कम उम्र में सफलता पाना वास्‍तव में एक बडी उपलब्धि है।

रंजू भाटिया said...

अच्छी तरह से अपने पात्र को निभा रही है ..इच्छा के बारे में बताने के लिए शुक्रिया