हंगामा, बागबान, धूम, गरम मसाला, फिर हेराफेरी और गोलमाल जैसी सफल फिल्मों की अभिनेत्री रिमी सेन आजकल घर पर आराम फरमा रही हैं। दरअसल, उन्हें कुछ इंट्रेस्टिंग काम नहीं मिल रहा है। दे ताली उनकी प्रदर्शित होने वाली आखिरी फिल्म थी। डेढ़ साल के बाद अब उनकी पंकज आडवाणी निर्देशित फिल्म संकट सिटी आ रही है। प्रस्तुत है रिमी सेन से बातचीत।
आपकी फिल्मों की संख्या लगातार कम क्यों हो रही है?
मुझे इंट्रेस्टिंग फिल्में नहीं मिल रही हैं, तो क्या करूं? अब मैं फिल्मों में शो पीस नहीं बनना चाहती। मैंने तीन-चार साल तक फिल्मों में सिर्फ वही किया। हीरो के आगे-पीछे घूमती रही या फिर सजाकर सीन में कहीं खड़ी कर दी गई। अब मैं थक चुकी हूं। मेरी कई सफल फिल्में तो हैं, लेकिन अचीवमेंट कुछ नहीं। मुझे उन फिल्मों में काम करके संतुष्टि भी नहीं मिली। मैं ऐक्ट्रेस हूं। मुझे शो पीस बनने का शौक नहीं है।
आप किस तरह की फिल्में करना चाहती हैं?
मैं छोटी फिल्में करना चाहती हूं। कहानी में कसाव हो और मेरी भूमिका मजबूत हो। उस फिल्म का हिस्सा बनना चाहती हूं, जिसे दर्शक लंबे समय तक याद रखें। पंकज आडवाणी की संकट सिटी वैसी फिल्म है। उन्होंने जब फिल्म की स्क्रिप्ट मुझे सुनाई, तो मुझे लगा कि इस फिल्म में काम करके मुझे संतुष्टि मिलेगी। अब मैं बड़ी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं करने के मूड में नहीं हूं।
संकट सिटी में खास क्या है?
फिल्म की कहानी हर इनसान की अपनी कहानी लगेगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है। यह कॉमिक थ्रिलर है। मैं इसमें मोना की भूमिका निभा रही हूं। वह चोर है। मोना है तो लड़की, लेकिन वह हमेशा लड़कों की तरह रहती है। खास बात यह है कि मैं खुद रिअॅल लाइफ में ऐसी ही हूं। यह मत समझिए कि मैं चोर हूं। मैं भी लड़कों की तरह पेश आती हूं। मैं टॉम ब्वॉय हूं। फिल्म में मेरे अपोजिट केके मेनन हैं।
आजकल अभिनेत्रियां रणवीर कपूर और इमरान खान की नायिका बनना चाहती हैं। केके मेनन की नायिका बनने में आपको झिझक नहीं हुई?
मुझे अच्छा निर्देशक और अच्छी भूमिका मिलेगी, तो मैं किसी के साथ भी काम कर लूंगी। फिल्म साइन करते समय मैं हीरो नहीं देखती, बल्कि स्क्रिप्ट और अपनी भूमिका देखती हूं। मैं कभी यह डिमांड नहीं करती कि मुझे स्टार कलाकार के साथ काम करना है। मुझे खुद पर विश्वास है। मैं रणवीर और इमरान के साथ काम कर सकती हूं, लेकिन मेरी भूमिका में वजन होना चाहिए।
आप मीडिया से दूर क्यों रहती हैं?
मुझे मेकअप करना पसंद नहीं है। टीवी में आना है, तो अच्छा दिखना जरूरी है और अच्छा दिखने के लिए मेकअप करना पड़ता है। मुझे लड़कियों वाले काम पसंद नहीं हैं। मैं ज्यादा बात नहीं कर सकती, क्योंकि मैं हमेशा सच बोलती हूं। यही वजह है कि निर्माता-निर्देशक फिल्म के प्रचार के दौरान मुझे दूर रखते हैं। वे जानते हैं कि यदि फिल्म अच्छी नहीं होगी, तो मैं उसे मीडिया में अच्छा नहीं कहूंगी। मैं दर्शकों से झूठ नहीं बोल सकती।
तिग्मांशु धूलिया की शोमैन में आप 160 किग्रा की लड़की बनी हैं?
जी हां। मैं उस फिल्म में मोटी लड़की की भूमिका निभा रही हूं। वजन 160 किग्रा है। अनिल कपूर ने बधाई हो बधाई फिल्म में जैसी भूमिका की थी, उससे मेरा लुक मिलता है। इसके अलावा मेरे पास फिलहाल कोई फिल्म नहीं है।
क्या नया करने की ख्वाहिश है?
अच्छे लेखकों को ढूंढकर अच्छी स्क्रिप्ट लिखवाने की मेरी ख्वाहिश है। आजकल वाहियात स्क्रिप्ट लेकर लोग मेरे पास आते हैं। दो घंटे उन्हें सुनने के बाद लगता है कि समय बर्बाद हो गया। गनीमत है कि नए लोग छोटी और अच्छी फिल्में बना रहे हैं।
आपकी फिल्मों की संख्या लगातार कम क्यों हो रही है?
मुझे इंट्रेस्टिंग फिल्में नहीं मिल रही हैं, तो क्या करूं? अब मैं फिल्मों में शो पीस नहीं बनना चाहती। मैंने तीन-चार साल तक फिल्मों में सिर्फ वही किया। हीरो के आगे-पीछे घूमती रही या फिर सजाकर सीन में कहीं खड़ी कर दी गई। अब मैं थक चुकी हूं। मेरी कई सफल फिल्में तो हैं, लेकिन अचीवमेंट कुछ नहीं। मुझे उन फिल्मों में काम करके संतुष्टि भी नहीं मिली। मैं ऐक्ट्रेस हूं। मुझे शो पीस बनने का शौक नहीं है।
आप किस तरह की फिल्में करना चाहती हैं?
मैं छोटी फिल्में करना चाहती हूं। कहानी में कसाव हो और मेरी भूमिका मजबूत हो। उस फिल्म का हिस्सा बनना चाहती हूं, जिसे दर्शक लंबे समय तक याद रखें। पंकज आडवाणी की संकट सिटी वैसी फिल्म है। उन्होंने जब फिल्म की स्क्रिप्ट मुझे सुनाई, तो मुझे लगा कि इस फिल्म में काम करके मुझे संतुष्टि मिलेगी। अब मैं बड़ी फिल्मों में छोटी भूमिकाएं करने के मूड में नहीं हूं।
संकट सिटी में खास क्या है?
फिल्म की कहानी हर इनसान की अपनी कहानी लगेगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है। यह कॉमिक थ्रिलर है। मैं इसमें मोना की भूमिका निभा रही हूं। वह चोर है। मोना है तो लड़की, लेकिन वह हमेशा लड़कों की तरह रहती है। खास बात यह है कि मैं खुद रिअॅल लाइफ में ऐसी ही हूं। यह मत समझिए कि मैं चोर हूं। मैं भी लड़कों की तरह पेश आती हूं। मैं टॉम ब्वॉय हूं। फिल्म में मेरे अपोजिट केके मेनन हैं।
आजकल अभिनेत्रियां रणवीर कपूर और इमरान खान की नायिका बनना चाहती हैं। केके मेनन की नायिका बनने में आपको झिझक नहीं हुई?
मुझे अच्छा निर्देशक और अच्छी भूमिका मिलेगी, तो मैं किसी के साथ भी काम कर लूंगी। फिल्म साइन करते समय मैं हीरो नहीं देखती, बल्कि स्क्रिप्ट और अपनी भूमिका देखती हूं। मैं कभी यह डिमांड नहीं करती कि मुझे स्टार कलाकार के साथ काम करना है। मुझे खुद पर विश्वास है। मैं रणवीर और इमरान के साथ काम कर सकती हूं, लेकिन मेरी भूमिका में वजन होना चाहिए।
आप मीडिया से दूर क्यों रहती हैं?
मुझे मेकअप करना पसंद नहीं है। टीवी में आना है, तो अच्छा दिखना जरूरी है और अच्छा दिखने के लिए मेकअप करना पड़ता है। मुझे लड़कियों वाले काम पसंद नहीं हैं। मैं ज्यादा बात नहीं कर सकती, क्योंकि मैं हमेशा सच बोलती हूं। यही वजह है कि निर्माता-निर्देशक फिल्म के प्रचार के दौरान मुझे दूर रखते हैं। वे जानते हैं कि यदि फिल्म अच्छी नहीं होगी, तो मैं उसे मीडिया में अच्छा नहीं कहूंगी। मैं दर्शकों से झूठ नहीं बोल सकती।
तिग्मांशु धूलिया की शोमैन में आप 160 किग्रा की लड़की बनी हैं?
जी हां। मैं उस फिल्म में मोटी लड़की की भूमिका निभा रही हूं। वजन 160 किग्रा है। अनिल कपूर ने बधाई हो बधाई फिल्म में जैसी भूमिका की थी, उससे मेरा लुक मिलता है। इसके अलावा मेरे पास फिलहाल कोई फिल्म नहीं है।
क्या नया करने की ख्वाहिश है?
अच्छे लेखकों को ढूंढकर अच्छी स्क्रिप्ट लिखवाने की मेरी ख्वाहिश है। आजकल वाहियात स्क्रिप्ट लेकर लोग मेरे पास आते हैं। दो घंटे उन्हें सुनने के बाद लगता है कि समय बर्बाद हो गया। गनीमत है कि नए लोग छोटी और अच्छी फिल्में बना रहे हैं।
-रघुवेन्द्र सिंह
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